महाशिवरात्रि पर्व पर शिव की महिमा पर कवि सम्मेलन का आयोजन

नरसिंहपुर। स्थानीय गोकुल नगर गार्डन में महाशिवरात्रि पर्व के उपलक्ष्य में शिव की महिमा से महामंडित कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमें कार्यक्रम की अध्यक्षता एसएस पटेल ने की। निखिल अग्रवाल ईश्वरीय ब्रह्माकुमारी प्रजापिता विश्वविद्यालय की ओर से संयोजन किया गया। कार्यक्रम में ख्याति प्राप्त कवियों को आमंत्रित किया गया था। कुंज बिहारी यादव द्वारा प्रस्तुत माँ सरस्वती की वंदना उपरांत सभी कवियों ने शिव की महिमा का गुणगान अपनी अपनी कविताओं के माध्यम से किया। हरिओम शर्मा शिक्षक ने अपने भाव इस तरह से व्यक्त किये, मेरे शंभू तुमको नमन, महादेव तुमको नमन। कृष्णकांत चौबे शिक्षक ने शिव रूप का बहुत सुंदर चित्रण किया उन्होंने अपनी प्रस्तुति में कहा शंकर मेरे प्यारे तेरा रूप निराला,शंकर मेरे प्यारे तेरा रूप है प्यारा, नरेंद्र सराठे ने अपनी अभिव्यक्ति में कहा-लहू रंगों में सनातनी है आज बसी प्रभु की मन में। राम बसे है रोम-रोम में, देश प्रेम भी भरा है बदन में। कुंज बिहारी यादव ने जोरदार प्रस्तुति करते हुए कहा- भक्ति चरणों की मिल जाती,खुले मुक्ति के द्वारे हैं। चलो दर्शन को ज्योतिर्लिंग,द्वादश शिव की प्यारे है। सत्यम नेमा शिक्षक ने महादेव की महिमा मंडित कुछ इस तरह से करते हुए कहा-सती के पति हैं शिव,देवों के आराध्य शिव। नर्मदा के कंकड़ों में,विराजे हैं दुलारे शिव। ब्रह्मकुमारी सेवा केंद्र के बीके ॠषि ने भी अपनी कविता के माध्यम से शिव के निराकार स्वरूप को प्रस्तुतकिया। डॉ गनेश कुमार सोनी ने शिव की सृष्टि का वर्णन कुछ इस तरह से किया-हे भोले तुममें राम समाये, मैं अज्ञानी शरण तुम्हारी। त्रिभुवन दाता हे त्रिपुरारी, बना दो मन को तुम कासी। डॉ शंकर तिवारी सहर्ष ने भगवान शिव का गुणगान करते हुए अपनी कविता में कहा नव हर्ष हो,उत्कर्ष हो, नव आनंद हो जाना। पुलकित हो उठे पल-पल,कि परमानंद हो जाना। वहीं अशोक त्रिपाठी ने अपनी कविता भगवान शंकर को समर्पित करते हुए कहा-ये जीवन संसार बिना शिव सदा अधूरा हैं सृष्टि के सार हमेशा शिवजी गौरा। कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ गनेश कुमार सोनी ने किया। बड़ी संख्या में श्रोताओं ने इस कविता के माध्यम से आध्यात्मिक कवि सम्मेलन का लाभ उठाते हुए भरपूर आनंद लिया।
