हरिजन महिला उत्पीड़न की शिकायत झूठी निकली, विशेष न्यायाधीश द्वारा आरोपी इंजीनियर दोषमुक्त
नरसिंहपुर। बीते दिन 9 साल पुराने एक प्रकरण में न्यायालय विशेष न्यायाधीश (एट्रोसिटी) नरसिंहपुर राजर्षि श्रीवास्तव ने नगर पालिका गोटेगांव में पदस्थ रहे इंजीनियर आर.पी. शुक्ला को निर्दोष बरी कर दिया। आरोपी के खिलाफ न्यायालय में धारा 294, 354, 354 क (1) भा.द.वि. धारा 3(1-10), 3(1-11) अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत प्रकरण चल रहा था। अभियोजन मामले के अनुसार अभियोक्त्री ने एक आवेदन दिया था कि 30 दिसंबर 2015 को दोपहर 1.30 बजे वह अपना शासकीय कार्य कर रही थी तभी उपयंत्री आर.पी.शुक्ला आये और हाथ पकड़कर झूमाझटकी करने की कोशिश की। उन्होंने स्त्री की लज्जा का अनादर करने के आशय से हमला कर बुरी नियत से शारीरिक संपर्क किया। साथ ही अनुसूचित जाति मेहतर की सदस्या को नीचा दिखाने के लिए जातिगत आधार पर अपशब्द कहे। गोटेगांव पुलिस ने तत्काल आरोपी को गिरफतार किया और मामला विचारण हेतु विशेष न्यायालय में प्रस्तुत कर दिया। इस दौरान शिकायतकर्ता महिला समेत 10 गवाहों का परीक्षण हुआ। अभियुक्त की ओर से अधिवक्ता देवेन्द्र गोस्वामी (देवू) ने पैरवी करते हुए बताया कि आरोपी इंजीनियर ने प्रभारी सी.एम.ओ. पद पर कार्य करते हुए शिकायतकर्ता का स्थानांतरण कर दिया था, जिससे क्षुब्ध होकर उसने झूठी रिपोर्ट की है। वहीं पुलिस ने बिना किसी सूक्ष्म विवेचना के राजनीतिक दबाब में प्रकरण दर्ज कर लिया। न्यायालय ने सभी पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद साक्ष्य का गहन परीक्षण करने पर महिला की शिकायत को झूठा पाते हुये आरोपी को सभी आरोपों से बरी कर दिया।