विशाल भंडारे के साथ हुआ 7 दिवसीय संगीतमय श्रीमद भागवत कथा का समापन

nspnews 07-05-2024 Regional

गाडरवारा। नगर में शनि मंदिर के पास एनटीपीसी आडिटोरियम के सामने 7 दिवसीय संगीतमय श्रीमद भागवत कथा का समापन मंगलवार को विशाल भंडारे के आयोजन के साथ किया गया। कथा के अंतिम दिन श्री भागवत भगवान की  आरती के बाद कथावाचक महामंडलेश्वर स्वामी  इंद्रदेव सरस्वती महाराज ने भगवान कृष्ण लीला अंतर्गत कालिया मर्दन, कंस वध, रुक्मणि विवाह एवं सुदामा प्रसंग से जुड़ी संगीतमय कथा सुनाते हुए कहा कि भगवान कृष्ण की लीलाएं अदभुत है। भगवान विष्णु के अवतार के रूप में भगवान कृष्ण के जीवन से हमें बहुत कुछ सीखने को मिलता है। उन्होंने कहा कि आजकल हम प्रकृति के साथ खिलवाड़ कर रहे है। दुर्भाग्य का विषय है कि आजकल गायों के चारागाहों पर अतिक्रमण हो गया है जो कि सर्वथा अनुचित है। उन्होंने आगे कहा कि आजकल दुर्गुणों से युक्त लोग अपने स्वार्थ सिद्धि के लिए बगुला भक्ति कर रहे है। ऐसे बगुला भक्तों से भगवान बचाये। उन्होंने भक्ति का महत्त्व बताते हुए कहा कि भक्ति तब तक है जब तक भगवान न मिल जाएं। उन्होंने कहा लोग रुपये पैसों को लक्ष्मी मानते है कि लेकिन उसे शराब, तम्बाकू एवं मांस खरीदने में देते है जो कि अनुचित है। जो धन भगवान के कार्याे एवं सुख देने के कार्य आये उसे ही लक्ष्मी कहना चाहिए। उन्होंने कथा में आगे कहा कि लोगों को यथा संभव दान करना चाहिए ऐसा करने से पुण्य की प्राप्ति होती है उन्होंने कहा कि लक्ष्मीनारायण भगवान का दर्शन करने से विवाह का योग आता है। कथा में शिक्षा देते हुए कहा कि भगवत, भगवान एवं गुरु का दर्शन कभी भी खाली हाथ नहीं करना चाहिए। पौष महीना भगवान को पाने का उत्तम साधन है। कथा समापन उपरांत सभी श्रद्धालुओ ने भंडारे में प्रसादी ग्रहण की। अंतिम दिन की कथा में बड़ी संख्या में धर्मप्रेमी श्रद्धालुओं की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।      

 

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